
नरेला विधानसभा में टिकट बदलने का मामला
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। नरेला विधानसभा क्षेत्र में टिकट बदलने का एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। यह मामला राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
शरद चौहान का टिकट काटकर दिनेश भारद्वाज को दिया गया था
पार्टी ने पहले मौजूदा विधायक शरद चौहान का टिकट काटकर दिनेश भारद्वाज को प्रत्याशी घोषित किया। यह फैसला कार्यकर्ताओं के गले नहीं उतरा। नतीजा यह हुआ कि क्षेत्र के करीब 200 से 250 कार्यकर्ताओं ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया। इससे पार्टी में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
कार्यकर्ताओं के दबाव में बदला फैसला
कार्यकर्ताओं के इस विरोध को देखते हुए पार्टी को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना पड़ा। आखिरकार, पार्टी ने विधायक शरद चौहान को दोबारा टिकट देने का ऐलान किया। इस घोषणा के बाद कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई। बड़ी संख्या में समर्थक विधायक कार्यालय पहुंचे और अपनी खुशी जाहिर की।
कार्यकर्ताओं और जनता की प्रतिक्रिया
कार्यकर्ताओं का कहना है कि शरद चौहान ने हमेशा नरेला विधानसभा के विकास के लिए काम किया है। एक स्थानीय कार्यकर्ता ने कहा, “हमारे विधायक शरद चौहान ने क्षेत्र के लिए जो काम किया है, उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पार्टी का पहले का फैसला हमें सही नहीं लगा, लेकिन अब हम खुश हैं कि गलती सुधार ली गई है।”
शरद चौहान का बयान
शरद चौहान ने कार्यकर्ताओं और जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “मैं आपके विश्वास और समर्थन के लिए दिल से आभारी हूं। यह आपकी ताकत और प्यार है, जो मुझे क्षेत्र के विकास के लिए और मजबूती से काम करने की प्रेरणा देता है।”
क्या कहता है यह मामला?
नरेला विधानसभा का यह घटनाक्रम बताता है कि कार्यकर्ताओं और जनता की आवाज को अनदेखा करना किसी भी पार्टी के लिए आसान नहीं है। यह फैसला न केवल कार्यकर्ताओं की जीत है, बल्कि यह भी दिखाता है कि लोकतंत्र में जनता और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि शरद चौहान आगामी चुनावों में अपनी जीत की कहानी दोहराते हैं या नहीं। लेकिन एक बात साफ है, नरेला विधानसभा में टिकट बदलने का यह मामला चुनावी समीकरणों को नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।